महंगाई के साथ – साथ जो एक चीज़ और India में बहुत तेज़ी से विकसित हो रही है वो है Real Estate Growth Rate in India. यह चार उप-क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है – आवास, खुदरा, आतिथ्य, और वाणिज्यिक। इस क्षेत्र की वृद्धि को कॉर्पोरेट वातावरण की और वाणिज्यिक जगह की मांग के साथ ही शहरी और आधारित आवास की मांग से अच्छी तरह से पूरक किया गया है।
रियल एस्टेट उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान करता है। इसमें घर और दुकानों की खरीददारी और बिक्री शामिल होती है। सरकार भी इसे समर्थन प्रदान करती है। पिछले १० सालो में भारत ने बहुत तरक़्की कर ली है GDP के मामले में। बहुत से मामलों में भारत अब पहले से बहुत आगे है। 2012 में GDP growth rate 5.5% था और फिर covid की वजह से यह 2020 में negative हो गया था । अब फिर से बहुत स्टेबल पॉइंट पर आ गया है और क़रीब 7% है।
इस blog के द्वारा आपको बहुत सी जानकारियाँ real estate से संबंधित मिलेगी जैसे पिछले 10 वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट बाजार की विकास दर और भारतीय रियल एस्टेट बाजार के विभिन्न क्षेत्रों, बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक, बाजार के प्रमुख रुझान, पिछले 10 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में विकास दर का विस्तृत विश्लेषण, भारतीय रियल एस्टेट बाजार के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों वह अवसर का विवरण, अगले 5-10 वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट बाजार के लिए संभावनाओं का अनुमान।
प्रॉपर्टी के एरिया के हिसाब से India की सारी प्रॉपर्टी बटी हुई है और उन्मे से बड़े शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद, और बंगलौर मुख्य शहरों में से एक है। Indian Real Estate Market Growth Rate बहुत तेज़ी से विकसित हो रहा है और आने वाले कुछ सालो में उसकी growth और बढ़ेगी। रिपोर्ट्स और स्टडीज़ के मुताबिक़ 2024 में India की real estate मार्केट USD 0.33 trillion तक जा सकती है।
बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
उपभोक्ताओं की बढ़ती सामर्थ्य – किसी भी प्रॉपर्टी या Real Estate डेवलपमेंट को ख़रीदने की प्रमुख इच्छा उसकी ख़रीदारी पर निर्भर करती है। भारत के लोगो की आर्थिक स्तिथि में बहुत ही तेज़ी से बदलाव आया है विदेशी कंपनियों ने भी बहुत से नये प्रोजेक्ट चालू कर के लोगो को नयी और अच्छी नौकरियाँ दी है। जिसकी वजह से लोग तेज़ी से बढ़ौतरी कर रहे है।
ब्याज दर- लोन पर ब्याज देना भी निर्भर करता है कि आप ब्याज लेना चाहते है या नहीं। अगर ब्याज दर कम होगा और बेहतर तरीक़े होंगे पैसे देने के तो लोन लेना पसंद करेंगे और उससे प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट में Invest आसानी से कर पायेंगे। 2015 में RBI ने Repo Rate को घटा कर 7.75% कर दी, जिसकी वजह से बाक़ी अन्य बैंकों ने अपना होम लोन का Rate और कम कर दिया। इसकी वजह से सम्पति में लोगो की Invest करने का बहुत बड़ा योगदान हुआ है।
बढ़ती जनसंख्या और एकल परिवार – भारत की जनसंख्या भी एक महत्वपूर्ण निर्धारित है न कि Real Estate की demand के बढ़ने के पीछे। बेंगलुरु, मुंबई, लखनऊ और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में लोग अपनी ज़िंदगी को और बेहतर बनाने निकल जाते है जिसकी वजह से आज कल लोग बहुत तेज़ी से वहाँ बढ़ रहे है। इन सारे प्रमुख कारणों की वजह से भी लोग Real Estate Developments ज्यादा डिमांड करते है और वहां पर इसका विकास भी बहुत तेज़ी से हो रहा है।
Real Estate Sector में जो सबसे ज्यादा तेज़ी से ग्रोथ कर रही है वो है Corporate Sector जिसकी वजह से urban और semi-urban areas में offices की डिमांड बहुत तेज़ी से बढ़ गई है नयी company के खुलने की वजह से। Most Developed Cities में Real Estate की डिमांड पॉपुलेशन और बिज़नेस की growth की वजह से बढ़ रही है।
सरकार के क़ानून- भारत के सरकार के बनाए हुए क़ानून भी बहुत ज्यादा Real Estate की प्रगति को बढ़ाने में मदद करते है।
Real Estate Industry Growth Rate
● Corporate Environment में Real Estate की ग्रोथ बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। Construction industry India में तीसरे Sector पर आती है जो की India के टॉप Income जनरेटिंग और Business Sources में से एक है।
● Real Estate Employment Sector in India दूसरे नंबर पर आता है और ये उम्मीद है कि इसकी वजह से NRI भी बढ़ेंगे यहाँ पर। Bengaluru को India के टॉप Investment Option में से एक है। Ahmedabad, Pune, Chennai, Goa, Delhi, and Dehradun भी टॉप Developed Real Estate सेक्टर में से एक है।
● Savills India के मुताबिक़ Real Estate डिमांड 15 se 18 million square feet से बढ़ेगा। India top 10 country में से एक है जिसका real estate development बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।
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भारतीय रियल एस्टेट बाजार के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों
नेतृत्व पीढ़ी – अच्छे लीड्स ढूंढना रियल एस्टेट ब्रोकर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती में से एक है। ब्रोकर के रूप में, आपको अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए नए संभावित ग्राहकों को निरंतर खोजने की आवश्यकता होती है। हालांकि, अच्छे लीड्स ढूंढना समय लेने वाला और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर एक उच्च प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में। इसलिए, किसी भी रियल एस्टेट ब्रोकरेज की सफलता के लिए प्रभावी लीड जनरेशन रणनीतियों का होना महत्वपूर्ण है।
समय प्रबंधन – समय को अच्छे से प्रबंधित करना बहुत ज़रूरी है, खासकर रियल एस्टेट दलालों के लिए। ब्रोकर की सफलता इस पर निर्भर करती है कि वह अपने समय को कैसे अच्छे से इस्तेमाल करता है। अगर उनका समय अच्छे से प्रबंधित होता है, तो वह अपने कामों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है और ग्राहकों की सहायता में भी जल्दी से काम कर सकता है।
Real Estate Market Trends in India
विकसित शहरों में दिन पर दिन आबादी बढ़ने के कारण लोग घर और प्रॉपर्टी डिमांड कर रहे है जो उनके बजट में भी आय और उनकी ज़रूरतों को भी पूरा करे। ऐसा अनुमान्य है की आने वाले कुछ सालों में २०३० तक India में 25 million घरों वह ख़ाली property की ज़रूरत पद सकती है। Real Estate में बहुत से regulations आने से फ़ायदा हुआ है जैसे- Real Estate Regulatory Authority (RERA), Real Estate Investment Trusts (REITs), PMAY (Pradhan-Mantri Awas Yojana) and SWAMIH (Special Window for Completion of Construction of Affordable and Mid-Income Housing Projects).
उत्तरप्रदेश में क़रीब 1 crore से भी ज्यादा घर बने है २०२२ में।
Government Initiatives Towards Indian Real Estate Market Sector Growth
भारत सरकार ने अपने संघ और राज्य सरकारों के सहयोग से निर्माण क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं। 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना के साथ, स्मार्ट सिटी परियोजना वास्तविक असली इस्तेमाल के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में है। संघ के बजट 2023-24 में, वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 79,000 करोड़ रुपये (93.64 अरब डॉलर) की प्रतिबद्धता की, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 66% वृद्धि को प्रतिष्ठानित करती है। भारत सरकार मुख्य कारण है Real Estate Growth Rate के लिए।
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