हम सभी को कंप्यूटर और उनके कार्यों के बारे में अच्छी तरह से पता है। एक महत्वपूर्ण उपकरण जिसके बारे में सभी को अभ्यस्त हो रहा है, वह है कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)। AI के अलग – अलग वह विभिन्न रूप भी है जैसे कि Alexa और Siri। ऐसा कई लोगो का मानना है कि यह मानवता के लाभ और उसके काम को आसान बनाने के लिए ही लॉन्च किया गया है जिसके माध्यम से वह प्रत्येक सवाल का उत्तर दे सकता है।
यह कहा जाता है कि AI को मानवता के भले के लिए विश्व में लॉन्च किया गया है, लेकिन हमें AI के बारे में और भी चीज़ जननी चाहिए जैसे की Disadvantages of AI इस लेख में, हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुष्प्रभावों पर चर्चा करेंगे। आइये अब जानते है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के 10 नुकसान जिनके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए ।
Cons of Artificial Intelligence
● Reduces Employment – सबसे बड़ा और ज़रूरी चिंता जनक विषय आज का है लोगों के लिए जॉब कम होती जाना और उन जॉब्स के लिए AI का प्रयोग कर लेना। AI के साथ यकीनन नकली काम और अन्य कार्यों की जगह परिवर्तन करना किसी कंपनी के लिए लाभकारी हो सकता है, मगर यह भी निश्चित रूप से रोजगार पर भी प्रभाव डालेगा।
पारंपरिक नौकरी भूमिकाएँ समय के साथ कम होती रहेंगी, जिससे उन लोगों की ज्यादा बेरोजगारी होगी जो इन्हें वर्तमान में करते हैं। यह प्रगति के रूप में भी देखा जा सकता है, लेकिन इसका यह भी मतलब होता है कि वे कई नौकरी के अवसर जिन्हें पहले आसानी से और थोड़ी सी मेहनत कर के हासिल किया जा सकता था, अब कामकाजी में उपलब्ध नहीं रहेंगे। और इन सबका आज का कारण है Artificial intelligence.
● Lack of Creativity – AI में रचनात्मकता की कमी होती है, विशेषकर सामग्री विपणन में। यह डेटा से पैटर्न पहचानने और सामग्री उत्पन्न करने में बहुत ज़रूरी है, लेकिन मानवों की तरह बहुत ज्यादा अच्छा और लगन से अलग त्तरह का कार्य करने में असमर्थ है। जबकि AI के भविष्य की संभावनाओं पर विचार रोज़ाना किया जा रहा है, और इसके लिए बहुत से लोग अपनी research में लगे हुए है। मानव रचनात्मकता महत्वपूर्ण है और इसे उच्च मान्यता दी जाती है।
● Absence of Emotional Range – एक अन्य दोष है AI की यह कि इसमें भावनाओं को निर्णय लेने में शामिल करने की असमर्थता है, जो ग्राहक संवादों में महत्वपूर्ण है। हालांकि कुछ AI भावनाओं को एक निश्चित स्तर तक पहचान और उत्तर देने में सक्षम हो सकते हैं, मानव सहानुभूति मौजूदा AI क्षमताओं से अधिक है।
● Lack of Ethical Values – AI को मानवता के महत्वपूर्ण गुणों, जैसे नैतिकता और नैतिक मूल्यों, को अपनाने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। AI निर्णय लेने के लिए केवल डेटा और एल्गोरिदमों पर आधारित होता है, जो जानबूझकर या अज्ञात रूप से अयोग्यता को ले कर आ सकता है, और इससे भेदभावपूर्ण परिणाम हो सकते हैं।
नैतिक AI प्रणालियों के विकास में शोध और चर्चा की गतिविधियाँ चल रही हैं, जिसका उद्देश्य AI विकास और लागू करने में नैतिक सिद्धांतों को शामिल करना है।
● Increases Laziness among humans – एक और चिंता जनक विषय यह है कि स्वचालन और डिजिटल सहायकों पर निर्भरता के कारण मानव आलस्य में होता जा रहा है। AI पर अधिक आश्रित होने से हमारी संगति में कार्यों के लिए, याददाश्त, रणनीति, और स्वतंत्र समस्या-समाधान में कमी आ सकती है, जो भविष्य की पीढ़ियों पर प्रभाव डाल सकती है। जबकि AI महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसकी प्रगति को जिम्मेदारीपूर्वक प्रबंधित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि उत्पादकता और मानव स्वायत्तता पर अनजाने परिणामों से बचा जा सके।
● Privacy and Data Values Concerns – AI प्रणालियों के साथ एक मुख्य समस्या है वो है data का पूरी तरह से सेफ ना होना। हम सबको की data लॉस होने की चिंता रहती है AI की वजह से। इन्हें अधिक डेटा की बड़ी मात्रा पर निर्भरता होती है ताकि वे अच्छी तरह से काम कर सकें।
जब व्यक्तिगत डेटा को व्यापक रूप से एकत्र किया और विश्लेषित किया जाता है, तो इससे अनधिकृत पहुंच, डेटा उल्लंघन, और संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है। AI का उपयोग करते समय डेटा गोपनीयता की रक्षा महत्वपूर्ण है।
● Excess Sharing of Personal Information – AI एल्गोरिदम, विशेषकर गहरी सीखन और न्यूरल नेटवर्क में, बहुत जटिल होते हैं। यह समझना मुश्किल है कि हमारी कितनी इनफार्मेशन लोगों द्वारा शेयर हो रही है। इस जटिलता के कारण, न्याय, जवाबदेही, और AI प्रणालियों में पक्षपात को पहचानना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि AI एल्गोरिदम एक काले बॉक्स की तरह हो सकते हैं, इसलिए पक्षपात या त्रुटियों को पहचानना और सही करना प्रभावी नहीं होता।
● Dependency and Reliability – जैसे-जैसे विभिन्न प्रणालियों में AI का उपयोग बढ़ता है, हम इस पर अधिक निर्भर करते जा रहे हैं। लेकिन अगर AI काम न करे या सही तरीके से काम न करे, तो यह खतरनाक हो सकता है। AI को महत्वपूर्ण कार्यों और निर्णयों में विश्वसनीय होना चाहिए।
AI पर अधिक निर्भरता से होने वाली समस्याओं से बचने और जोखिम को कम करने के लिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि AI प्रणालियाँ मजबूत और विश्वसनीय हों। यह भी महत्वपूर्ण है कि जब आवश्यक हो, तो मानव संवेदनशीलता और हस्तक्षेप भी हो।
● Risk of Misunderstanding and Errors – गहरी सीखन और न्यूरल नेटवर्क मॉडल्स में AI एल्गोरिदम्स की जटिलता के कारण, यह कठिन होता है कि वे निर्णय लें या अनुमानित करें ताकि गलतियों का खतरा कम हो।
● Costly Implementation – AI का उपयोग करना तो आसान है और हमारे काम को आसान भी कर रहा है पर इसका सबसे बड़ा ड्राबैक है उसकी आने वाली लागत। लागत बहुत – सी बातों पर निर्भर करती है जैसे की निर्भर आप AI से क्या काम करवाना चाहते हैं।
अनुमान है कि व्यापारों के लिए AI की पूरी तरह से लागू करने की लागत $20,000 से करोड़ों रुपये तक हो सकती है। जबकि AI अंत में कार्य प्रभावी बना कर पैसे बचा सकता है, लेकिन शुरुआती लागत महंगी हो सकती है और पहली बार में इसे विशेष रूप से संभव नहीं हो सकता।
Conclusion
अंत में समझ में यही आता है इस आर्टिकल द्वारा की हम चाहे Artificial intelligence के बारे में जीतने भी Negatives of AI या Positives of AI की चर्चा कर ले। हम सब इस बात से अच्छी तरह से जागरूक है कि आने वाला समय Artificial intelligence का ही है। और हम सबको उससे इस्तेमाल करना वह उसको समझना आना चाहिए।
हम सब बस इतना कर सकते है कि अपने आप को AI पर पूरी तरह से निर्भर ना करें और बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करें या जहां सच में ज़रूरत पड़े। इससे आप cons of artificial intelligence के शिकार भी नहीं होंगे और अपने काम में अपनी ख़ुद की स्किल्स भी इस्तेमाल कर पायेंगे।
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